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सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से क्यूँ उतरी?

Seemanchal Express rail accident in India
Seemanchal Express Railway patri se kyun utri?
सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से क्यूँ उतरी?: बिहार में सहदाई बुज़ुर्ग के पास सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी है जिस में बहुत सारे लोग मारे गए हैं लेकिन मीडिया की माने तो केवल 9 की मौत हुई है और 20 घायल हुए हैं! सीमांचल एक्सप्रेस के 9 डिब्बे पटरी से उतरे हों और केवल 9 लोगों की मिर्तु हुयी हो क्या ये एक सही खबर है?और केवल 20 लोग ही घायल हुए हैं ये बात भी किस हद तक सही है आप अंदाज़ा लगा सकते हैं!

आप को फिर से याद दिलाता चलूँ के आप का अपना हौली विशेर खबर नहीं "कारण" लिखता है!अब से पहले भी बहुत सारे रेल हादसे हुए हैं सब की जाँच हुयी है लेकिन किसी एक जाँच का सच आप सब के सामने आया है?मरने वाले और घायल की संख्या कभी सही नहीं बताई जाती है,आखिर ऐसा क्यों होता है?क्या मरने वाले मरते ही स्वर्गलोक पहुँच जाते हैं या सरकार उन सभी लावारिश लाशों का ठिकाने लगा देती है?सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से क्यूँ उतरी?इसका क्या कारण है?

सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से उतरने का कारण

वैसे तो खबर की माने तो जहाँ सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से उतरी है वहां रेल की पटरी टूटी हुई पायी गयी है,अगर ये खबर सही भी है तो आखिर रेल की पटरी कैसे टूटी हुई थी?क्या सीमांचल एक्सप्रेस से पहले कोई दूसरी ट्रेन नहीं गुज़री थी?अगर पटरी में कोई खराबी थी तो रेल कर्मचारी कहाँ सो रहे थे?रेल पटरी में कोई भी खराबी अचानक से नहीं हो सकती है,पहले से ही क्रैक दिखाई देने लगते हैं,गनमैन उसी काम के लिए दिन रात रेल की पटरी पे तैनात रहते हैं!

सीमांचल एक्सप्रेस का पटरी से उतरना रेल की पटरी की खराबी नहीं हो सकती है!सीमांचल एक्सप्रेस दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पटरी से उतरने का कारण रेलवे ट्रैक में फ्रैक्चर था।हौली विशेर को ये बात एक नाटक की तरह लग रहा है जिससे सुन के दुःख होता है!आप ही बताओ जहाँ सीमांचल एक्सप्रेस के 9 डिब्बे पटरी से उतरे हैं क्या वहाँ पटरी अपनी जगह हो सकती है?

ऐसा कारण बता के क्या रेल विभाग अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त होना चाहती है? प्रारंभिक जांच के बाद भारतीय रेलवे इस निष्कर्ष पर पहुंची है क्योंकि रेलवे पटरियों के टूटे हुए टुकड़े मौके पर पाए गए हैं।ये कैसा निष्कर्ष है?क्या रेल विभाग को इतना भी एहसास नहीं हुआ के सीमांचल एक्सप्रेस के 9 डिब्बे पटरी से उतरे हैं तो वैसे भी रेल की पटरी टूट ही जायेगी?ऐसी जगहों पर टूटी हुई पटरी और लाशों का ढेर नहीं मिलेगा तो आखिर क्या मिलेगा?

रेल विभाग का कहना है कि रेलवे ट्रैक फ्रैक्चर मौसम की स्थिति के कारण क्षेत्र में एक सामान्य घटना है।मौसम की क्या स्थिति है?ना ही बहुत ठण्ड है और ना ही बहुत गर्मी है फिर ये मौसम की स्थिति के कारण की बात कहाँ से पैदा हो रही है?इन सभी बातों से पता चलता है कि सीमांचल एक्सप्रेस घटना रेल विभाग अपनी कमी को स्वीकार नहीं करना चाहती है और असल कारण जनता को नहीं बताना चाहती है!

धात्विक ट्रैक उच्च तापमान पर थोड़ा विस्तार करते हैं और कम तापमान पर अनुबंध करते हैं। मौजूदा सीज़न में, ठंड के कारण फ्रैक्चर की ओर जाने वाली पटरियों में काफी खिंचाव होता है।रेल विभाग अब लोगों को रेल पटरी की फिजिक्स केमिस्ट्री बताने में लगी हुई है,का ही अच्छा होता के रेल विभाग अपनी कमी को मानते हुए सही कारण भारत के जनता को बताती और जनता से छमा मांगते हुए मारने वाले को 10 लाख रुपये और घायल को कम से कम दो लाख रुपये देने का ऐलान करती!

आप को बता दूँ कि यह सीमांचल एक्सप्रेस दुर्घटना बिहार के वैशाली जिले में हुई। ट्रेन जोगबनी और आनंद विहार टर्मिनल के बीच चल रही थी।ये सीमांचल एक्सप्रेस दिल्ली जाने वाली ट्रैन थी ! कुछ खबर की माने तो सीमांचल एक्सप्रेस के 9 डिब्बे पटरी से उतरे हैं और कुछ की माने तो 11 डिब्बे पटरी से उतरे हैं,मरने वाले की संख्या कभी 7 और कभी 9 बताई जा रही है और घायल लोगों की संख्या 20 से अधिक बताई जा रही है! कृपा कर के रेल विभाग ये भी बता दे की सभी लाशों को कहां और कैसे ठिकाने लग दी,मरने वाले लोगों के घर वाले सरकार से कोई मुवज्जा नहीं चाहते हैं,वह अपने घर के सदस्य को आखिरी बार देखना चाहते हैं!

वैसे रेल विभाग का बहुत बड़ा एहसान है की रेलवे ने घायलों और उनके परिवार के सदस्यों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। राहत और बचाव कार्यों को अंजाम देने के लिए NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गई थी। लेकिन रेल विभाग को सही और सच बताना पड़ेगा कि सीमांचल एक्सप्रेस दुर्घटना क्यों हुआ और कैसे हुआ?

एक बात और गौर करने वाली है के ये घटना सुबह 3:50 बजे हुआ है,ये समय पूरी नींद लेने का है इस समय में किसी कर्मचारी का जागना असंभव सी बात हो सकती है,ऐसा लगता है की ये गलत सिग्नलिंग या रेल ट्रैक बदलने को ले कर दुघटना हुयी है,सीमांचल एक्सप्रेस दुर्घटना रेल विभाग की अपनी ही कोई बहुत बड़ी कोताही है जिस को छुपाने की पूरी कोशिश की जा रही है!

सारांश

सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से क्यों उतरी अभी हम केवल अनुमान लगा सकते हैं,रेल विभाग से कर्मचारियों से अनुरोध है की अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करें कि सीमांचल एक्सप्रेस दर्घटना फिर से देश में न हो,अपनी लापरवाही,कोताही और नींद को त्याग कर अपना काम करें,हम भारतीय रेल पे बहुत विश्वास करते हैं,हम ग़रीब लोग केवल अपने बच्चों को दो वक़्त की रोटी के लिए ही दूसरे शरह जाते हैं,हम एक एक पैसा जोड़ कर दो या तीन महीने पहले टिकट लेते हैं की हम आराम से कामने जाएँ लेकिन आप जैसे रेल कर्मचारी हमरे बच्चों को अनाथ बना देते हैं!मरने वाले लोगों को ईश्वर स्वर्गलोक में जगह दे और उनके घर वाले को हिम्मत और सबर करने की छमता दे!

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