क्या बीजेपी का अगला मुद्दा ताजमहल है?
TajMahal |
क्या बीजेपी का अगला मुद्दा ताजमहल है?बाबरी मस्जिद के बाद अब बीजेपी अपना अगला मुद्दा बड़ी मुश्किल से तलाश कर ली है!बीजेपी को बहुत अच्छी तरह पता है कि राम मंदिर का निर्माण संभव नहीं है! आप ये कह सकते हैं के बीजेपी राम मंदिर के नाम से ही भाग रही है! लोगों को गुमराह करने के लिए बीजेपी के पास कोई नया मुद्दा नहीं था इसलिए आज कल एक नया मुद्दा बहुत तेज़ी से जोर पकड़ रहा है! नया मुद्दा ये है के ताजमहल मुस्लिम का बनाया हुआ नहीं है!
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि ताजमहल मुसलमानों द्वारा नहीं बनाया गया था और इतिहास इस दावे का प्रमाण है।विचार करने वाली बात ये है के आखिर बीजेपी के पास ही ऐसे मुद्दे क्यों आते हैं?क्या केवल बीजेपी को ही इतिहास की जानकारी है! भारत में इतने महान साधू संत हैं,उनको ऐसे धार्मिक मुद्दों से क्यों लेना देना नहीं होता है?हेगड़े, जो अक्सर विवादों में रहने वाले अपमानजनक बयान देने के लिए जाने जाते हैं,अब ताज महल के इतिहास पे राजनीती करने के लिए त्यार हैं! कोई इन से क्यों नहीं पूछते कि भाई अभी ताजमहल को रहने दो पहले ये बताओ के राम मंदिर का क्या हुआ?
ताजमहल मुसलमानों द्वारा नहीं बनाया गया था। शाहजहाँ ने अपनी आत्मकथा में कहा है कि उसने यह महल राजा जयशाह से खरीदा था। अनंत कुमार हेगड़े ने एक नया इतिहास रचते हुए ऐसा विवादित बयान दिया है,थोड़ी देर के लिए मान लें की राजा जयशाह से खरीदा था तो खरीदा हुआ सामान किस का होता है ख़रीदार का ही होता है,इस तरह भी ताजमहल शाहजहां का ही हुआ!
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बीजेपी इस मुद्दे को हवा दे रही है इससे पहले भी हवा दी है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार उनके साथ सख्ती से पेश आयी! बीजेपी के पास अब कोई धार्मिक विवाद करने का मुद्दा नहीं है इसलिए ताजमहल की गर्मी तेज की जा रही है ताकि ताजमहल की गर्मी से ही बीजेपी अपना राजनितिक रोटी सेंक सके!
बाबरी मस्जिद या राम जन्म भूमि भारत के गोद में खेलती एक पुरानी इमारत थी! इस ईमारत पे विवाद हुआ और ताला लग गया,अगर किसी एक जगह पे हिन्दू या मुस्लमान अपने भगवान या अल्लाह की पूजा नहीं करेंगे तो क्या बिगड़ जाता कम से कम ये पुरानी इमारत अपनी आन बान शान से भारत की धरती पे खड़ी तो रहती,लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं होने दिया और अपनी राजनीति को हवा देने के लिए इस इमारत को गिरना ही ठीक समझा,भारत में लाखों हिन्दू मुसलमान मारे गए और बीजेपी अपने मक़सद में कामयाब होती गयी! आम भारतियों को आज तक क्या मिला?? केवल मुद्दा....
बीजेपी बहुत अच्छी तरह जानती है के अब शराब और पैसा दे के जीतना मुश्किल है,शराब और पैसा बांटने में परेशानी भी है,शराब और पैसे का नशा बहुत जल्दी उतर जाता है !इसलिए बीजेपी धार्मिक विवाद का नशा लोगों को पिला रही है जो मुफ्त और लम्बे समय तक के लिए होता है!और इससे हिन्दू वोट भी बहुत आसानी से मिल जाता है! राम मंदिर के बाद एक नया विवादित धार्मिक टॉनिक तैयार है ताजमहल ! इससे आप सब पीते ही झूम झूम के गाएँगे बीजेपी आये राज में,भारत जाये भाड़ में!
अनंत कुमार हेगड़े ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि यह एक शिव मंदिर है जिसे राजा परमार्थ ने बनाया था, जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था। तेजो महालय ताजमहल बन गया। अगर हम ऐसे ही सोते रहे, तो हमारे घरों में से अधिकांश का नाम बदलकर मस्जिद भी बना दिया जाएगा। भविष्य में, भगवान राम को शाहजहां कहा जाएगा और सीता को मुमताज़ महल कहा जायेगा।
ये लिखने में मुझे जरा भी संकोच नहीं हो रहा है की 850 साल मुसलमानो के इस भारत देश पे हुकूमत की,भारत का नाम नहीं बदला,तब भी राम थे आज भी राम है कल भी राम रहेंगे,हज़ारों साल से बड़ी बड़ी पुरानी मंदिरें इस भारत की गोद में है लेकिन किसी मुस्लिम राजा ने उसको अपना नहीं बनाया,तब भी हिंदू मेजोरिटी में थे आज भी मेजोरिटी में हैं फिर भी तुम्हे ये बताया जा रहा है के हिन्दू तुम खतरे में हो !
जब भारत की बात आयी है तो हम भारत के बारे में भी जान लेते हैं के भारत कैसा था,और कौन कौन भारत का गद्दार है! आज के हिंदुस्तान के नक़्शे को देखा जाये तो ये कहना गलत नहीं होगा के ये हिंदुस्तान का एक टुकड़ा हिंदुस्तान है, पहले इसकी लम्बाई चौड़ाई बहुत ज्यादा थी पहले लगभग 2000 मील लंबा और चौड़ा था मगर इसके टुकड़े होगये, वेस्ट में एक हिस्से का नाम मेंमार है ये भी हिंदुस्तान का ही हिस्सा था इससे अंग्रेज़ों ने आज़ादी से पहले ही अलग कर दिया था बाकी हिंदुस्तान एक था मगर अपने जाने से पहले अंग्रेज़ों ने इसे भी टुकड़े कर दिए,इस के वेस्ट और ईस्ट के दोनों सिरों को अलग कर के पाकिस्तान बना दिया बीच का हिस्सा भारत है पाकिस्तान एक अलग देश है इसका ईस्ट हिस्सा बांग्लादेश बन गया और पश्चिमी हिस्सा पाकिस्तान कहलाता है!
इतिहास गवाह है जब जब विचार की लड़ाई हुयी है ज़मीन के टुकड़े हुए हैं,यानी देश के टुकड़े हुए है क्या यह बीजेपी के लोग फिर से देश के टुकड़े करना चाहते हैं? आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने अयोध्या विवाद के बारे में कहा है कि अगर अयोध्या विवाद नहीं सुलझा तो देश, सीरिया बन जाएगा।
ऐसी बहुत सी बातें हैं जिसको लिखा जा सकता है लेकिन अभी हम ताजमहल पे बात कर रहे हैं,अब ताजमहल को निशाना बनाया जा रहा है,भारत की खूबसूरती को मिटाने की कोशिश की जा रही है!
ताजमहल की की हक़ीक़त
ताजमहल एक सफेद संगमरमर है जिसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। अरबी भाषा में, ताज महल को "महलों का ताज" कहा जाता है। इसे एक ऐसे राष्ट्र में इस्लामी कला का आभूषण कहा जाता है जो मुख्य रूप से हिंदू है। ... नीचे कुछ तथ्य दिए गए हैं जो आपको ताजमहल के बारे में दिलचस्प लग सकते हैं।
ताजमहल वास्तव में एक खूबसूरत जगह है।समाधि के साथ अपनी और अपने पति की तस्वीर लेते हैं,सम्राट को अपनी पत्नी के लिए इस तरह के संसाधनों को समर्पित करने के लिए प्यार था कि मृत्यु के बाद उसे याद करने की इक्छा !
सबसे महत्वपूर्ण मुगल साम्राज्य वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक अभी भी आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत में अपनी सुंदरता और चालाकी के साथ खड़ा है। ताजमहल एक सफेद संगमरमर है जिसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था।
ताजमहल का निर्माण 22,000 मजदूरों, चित्रकारों, पत्थरबाजों, कढ़ाई कलाकारों द्वारा किया गया था।किंवदंती है कि सम्राट शाहजहाँ ने नदी के पार काले संगमरमर में एक और अपने लिए ताजमहल बनाने का इरादा किया था, लेकिन उनके बेटों के साथ युद्ध ने इन योजनाओं को बाधित कर दिया। जो आज भी देखने को मिलता है!
सम्राट की पत्नी के बदलते मूड को दिन के अलग-अलग समय में मौसम के बदलते संकेत को समझ के इसका निर्माण किया गया यह सुबह में एक गुलाबी रंग, शाम को दूधिया सफेद और रात में सुनहरा होता है जब चांदनी से रोशन होता है।
ताजमहल के कला और स्थापत्य प्रतिभा के जटिल काम को पूरा होने में 17 साल लगे। सबसे पहचानने योग्य विशेषता मकबरे के शिखर पर सफेद गुंबद है। अक्सर 'प्याज का गुंबद' कहा जाता है, यह लगभग 35 मीटर (115 फीट) तक बढ़ जाता है और चार अन्य गुंबदों से घिरा होता है।ताज महल एक प्रसिद्ध भारतीय मील का पत्थर और पर्यटक चुंबक है, जो हर साल एक लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है।
हमेशा की तरह, इस मकबरे के बारे में अफवाह फैल रही है। यह अफवाह है कि बादशाह ने आदेश दिया कि सभी कर्मचारी जो मकबरे पर काम करते हैं, उनके हाथ काट दिए जाएँ ताकि कोई भी इस तरह का कुछ फिर से न बना सके।
ताजमहल के निर्माण के लिए जिन सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया था, उन्हें निर्माण स्थल पर एक हज़ार हाथियों द्वारा भेजा गया था।1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा मकबरे की दीवारों से मकबरे की कई कीमती पत्थरों को तोड़ कर निकाल लिया गया है। जमुना के किनारे ताजमहल का नीव केवल लकड़ी के ब्लॉक पे है !
सारांश
ताजमहल को विवादित अस्थान बनाने की कोशिश न करें! ताजमहल किसी ने भी बनवाया हो लेकिन अब ताजमहल केवल भारत का है भारतीयों का है ! हम भारतियों की पहचान और सुंदरता इसी धरोहर से है, बाहर के देशों में इसी ताजमहल की वजह से हम ताज वाले कहलाते हैं,संसार में ऐसा धरोहर किसी के पास नहीं है केवल भारत के पास है! अगर नहीं समझ में आये तो फिर खजुराहो और अजंता एलोरा का दृश्य ही देखना हो रह जायेगा !
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