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10 इंच जमीन के लिए बढैया टोला हत्याकांड: एक दुखद घटना

10 inch zameen ke liye badhaiya tola hatya kaand
Badhaiya Tola Hatya Kaand
10 इंच जमीन के लिए बढैया टोला हत्याकांड: कुछ दिन पहले ही आप लोगों ने ये खबर देखी और पढ़ी होगी के बढैया टोला में जमीन विवाद को ले कर एक 30 साल के युवा को मौत के घाट उतार दिया गया ! हौली विशेर खबर जैसे कहानी नहीं लिखता है "कारण" लिखता है! ये हत्या केवल दस इंच ज़मीन के लिए हुआ था! आप समझ सकते हैं के दस इंच जमीन कितनी होती है? हम आप को बता दें के ये बढैया टोला मझवलिया थाना के अंतर्गत है और पश्चिमी चम्पारण का एक गाँव है, सरिसवा बाजार से आगे जाने पे सेमरा,बथना,गढ़वा, भोगारी के बाद बढैया टोला गाँव है,ये लगभग पूरी मुस्लिम आबादी का गांव है!

मुझे जैसा मालूम हुआ है कि हत्या किये गए युवा के चार बच्चे भी हैं,दस इंच ज़मीन के लिए चार बच्चे अनाथ हो गए और एक औरत विधवा हो गयी,मुझे ये भी जानकारी मिली है के केवल दस इंच ज़मीन का ही मामला नहीं था असल वजह उस दस इंच ज़मीन में लगे दो भीलोर के पेड़ हैं (मेरा मानना है के आप सब भीलोर का पेड़ जानते होंगे), ये भीलोर का पेड़ मेड पे है और दोनों कातिल और मक़तूल का कहना था के ये भीलोर का पेड़ मेरा है,यहाँ चाली लगाना था,कतल करने वाले का कहना था के भीलोर मेरा है इसलिए उसको अपने ज़मीन के अंदर लेकर भीलोर के बाहर से चाली लगाउंगा,लेकिन हत्या किये गए युवा के पिता श्री अलीराज बोले के नहीं ये भीलोर मेरा है इसलिए चाली भीलोर के पेड़ को छोड़ के लगा लो !


बढैया टोला हत्याकांड 10 इंच ज़मीन के लिए चार बच्चे अनाथ

भीलोर का पेड़ किस का है इस बात के लिए गांव के कुछ लोगों को बैठा के पंचायती होना बाकी था,गांव के कुछ लोगों को इस बात का फैसला करने के लिए बुलाया भी गया था,लेकिन गांव के कुछ लोग जमा होते और फैसला करते तब तक ये दुखद घटना हो गयी! खैर मझवलिया थाना और बेतिया थाना अपना काम बहुत अच्छी तरह कर रहे हैं,शायद क़ातिल बहुत जल्दी पकड़ा जाये!

मेरे लिखने का ये मक़्सद बिल्कुल नहीं है कौन किस को मारा और क्या क्या हुआ,मेरे लिखने का मतलब ये है के केवल 10 इंच ज़मीन और एक भीलोर के पेड़ के लिए ऐसी दुखद घटना होना ठीक है?क्या इतनी भी इंसानियत नहीं है के ऐसे मसले को मिल बैठ के प्यार मोहब्बत से सुलझाया जा सके?अगर कोई दस इंच ज़मीन और एक भीलोर का पेड़ जिसका केवल जलावन के काम आता है ले ले तो बर्दाश्त और सब्र किया जा सके,ग़लत तरीक़े से ज़मीन गसबन करने वाले को भी सोचना चाहिए के हम ये गलत काम क्यों कर रहे हैं,अगर ज़मीन पे कोई विवाद हो गया है तो हम इसको ठीक से समझे,जमीन की पैमाईश करवाएं!

हम आप को याद दिला देना चाहते हैं के यही बढैया टोला गाँव है और यही लोग हैं जिनका घर और लाखों की जमीन बुदिगंडक नदी में चला गया तब उनको सब्र हो गया,नदी पे कोई गोली नहीं चली,ये सब लोग बेघर हो गए थे,घर बनाने के लिए ज़मीन तक नहीं थी,ज़मीन भी ख़रीदे और फिर उसी तरह आलिशान घर बनाए,आज केवल दस इंच ज़मीन के लिए फिर बेघर हो गए हैं,एक पिता ने अपना बेटा खोया,एक पत्नी ने अपना पति खोया और चार बच्चों ने अपना पिता खो दिया,हत्या करने वाले भी अब अपने घर के बदले सरकारी घर में रहेंगे! नदी जब उनका घर और ज़मीन सब काट के अपने में मिला ली तब उनका ये गुस्सा कहाँ था? लानत है ऐसे लोगों पे जो छोटी छोटी बातों के लिए लड़ाई झगड़ा करते हैं और हत्या कर जाते हैं!


मुसलमानों में जमीन का विवाद सब से अधिक

मुसलमानों में जमीन का विवाद सब से अधिक पाया जा रहा है,एक सर्वे के अनुसार पता चला है के 95% मुसलमान जमीन के विवाद से जुड़े हुए हैं,खास तौर से चम्पारण में शायद ही कोई ऐसा मुसलमान का घर है जिसका ज़मीन विवाद का मामला न हो,ये मुसलमान ज़मीन गसबन करने और ज़मीन का मेड़ काटने में सब से आगे हैं, किसी कमजोर या शरीफ सरल ब्यक्ति को देख के उनकी ज़मीन का मेड़ काटने में या उसकी ज़मीन गसबन करने में बहुत तेज़ी दिखाते हैं,अगर वह शरीफ सरल ब्यक्ति आपत्ति करता है तो ये मुस्लमान बोलते हैं के तुम जमीन की पैमाईश करवा लो,परेशानी तुम्हे है तुम ही जमीन की पैमाईश करवा लो!

बेचारा पैमाइश करवाता है तो ये अच्छे मुसलमान कहते हैं के मैं इस पैमाइश को नहीं मानता हूँ,तुम अपना अमीन लाये हो इसलिए वह तुम्हारी ज़मीन बढ़ा रहा है,ये पैमाइश ग़लत है इसलिये मैं इसको नहीं मानता,फिर विवाद का सिलसिला शुरू होता है!

ये मुसलमानआपस में ही ज़मीन का विवाद करते हैं दूसरे जाति में नहीं करते क्यों के वहां मार खाने से भी बहुत डरते हैं,दिल में चोरी और नियत में हरामखोरी लिए ये मुसलमान जुबान से ऐसी बात करेंगे के लगता है कि इनसे अच्छा कोई है ही नहीं,खुद ज़मीन गसबन करेगा लेकिन दूसरे को गलत साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है!

ये मुसलमान नमाज़ भी पढ़ते हैं और हज भी करते हैं लेकिन दूसरे का माल हड़प करने के लिए किसी पागल कुत्ते से कम भी नहीं रहते हैं,जिस में जमीन विवाद खास और आम है जो हर किसी के साथ ये मामला जुड़ा हुआ है!ज़मीन का विवाद इतनी तेज़ी से बढ़ रहा है के मुसलमानो के आपसी भाईचारा और एकता को खत्म किये जा रहा है और सब एक दूसरे के जान के दुश्मन बने रहते हैं! मेरी इस बात क पुख्ता सबूत है बढैया टोला हत्या काण्ड!

एक बहुत खास बात है ये मुसलमान बेचारे बहुत शरीफ होते हैं,दूसरे की ज़मीन गसबन कर के बोलते हैं कि मुझे किसी की एक इंच भी ज़मीन ज्यादा नहीं चाहिए,इस्लाम में जमीन का मसला बहुत सख्त है इसलिए मुझे किसी दूसरे की ज़मीन नहीं चाहिए,इस्लाम में ज़मीन हड़प करने का बहुत सख़्त अज़ाब है,ये सभी बाते वही मुस्लमान बोलता है जो खुद दूसरे की ज़मीन गसबन किये रहता है!

बढैया टोला हत्या काण्ड इस बात का इशारा कर रहा है के मुसलमान अपने सही रास्ते पे आजायें वरना इन्हें बर्बादी से कोई नहीं बचा सकता है!अपने दिल की लालच और हवस को शैतान के हवाले करना छोड़ दें!

सारांश
10 इंच जमीन के लिए बढैया टोला हत्याकांड एक बहुत ही दुखद घटना है,हर इंसान दूसरे का माल,ज़मीन हड़प करने के लिए ऐसा लगता है के पागल होगया है! इस पागलपन को छोड़ दें,ज़मीन का गसबन करना अपने दिल दिमाग से निकाल दें,अपने ज़मीन की दो बार चार बार पैमाईश कर के समझें,एक बात याद रखें जो आप की चीज़ है वह कभी आप की ही रहेगी,जो आप का नहीं है वह कभी आप का नहीं था और कभी आप का नहीं होगा ! बढैया टोला हत्याकांड से सबक सीखें और आगे ऐसा न हो इस बात का ख्याल रखें!

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