बेतिया में दो बलात्कारी मुस्लिम युवक : एक बार अवश्य पढ़ें
Bettiah me do Balatkari Muslim Yuvak |
बेतिया में दो बलात्कारी मुस्लिम युवक: मुस्लिम युवक पहले से आतंकवादी के नाम से जाने जाते रहे है लेकिन अब बलात्कारी के नाम से भी प्रसिद्ध हो रहे हैं !बेतिया में हुए बलात्कार कांड ने पूरे बेटिया में तहलका मचा दिया है!इस बलात्कार में दो मुस्लिम युवक पकड़े भी गए हैं जिनका नाम है सद्दाम हुसैन और फर्मान खान! ये दोनों मुस्लिम लड़के अपने बाप के बिगड़े औलाद हैं जो केवल 9साल की मासूम बच्ची के साथ चलती कार में बलात्कार करने के दोषी हैं!
यहाँ बात हिन्दू मुस्लिम की नहीं है क्यों के किसी भी धर्म में बलात्कार को पाप ही बताया गया है.ऐसे लोगों को जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए,बच्ची की जांच हो चुकी है और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है,MJK हॉस्पिटल के डॉक्टर ने ये लिखित प्रमाण दे भी दिया है!फिर इस मामले की सुनवाई जल्दी कर के दोषी को फांसी की सजा जल्दी होनी चाहिए! दोनों मुस्लिम बलात्कारी की सजा में विलम्भ कर के नेतागिरी करने की कोई आवश्यकता नहीं है!
बहुत सारे मुस्लिम आज कल केवल नाम के मुस्लिम हैं,अगर इन्हे इस्लाम के पैरामीटर से देखा जाये तो ऐसे लोग मुस्लिम हो ही नहीं सकते हैं,हौली विशेर अपने आस पास होने वाले धार्मिक पापों का आवाज़ उठाने वाला एक मात्र आवाज़ है जो आप के बीच रहता है,हौली विशेर सभी धर्मों को एक समान नज़र से देखता है और सच लिखने की ताकत रखता है,हौली विशेर धर्म और जाति भेद भाव से परे है!
कुछ बातें इस्लाम की बताता हूँ इससे आप समझ सकते हैं के इस्लाम बलात्कार से कितना दूर है! बुखारी शरीफ की एक हदीस है " जब तुम्हारे बच्चे एह्तिलाम की उम्र को पहुँच जाएँ तो फिर उन्हें घरों में दाखिल होने से पहले इजाज़त लेनी चाहिए" जो इस्लाम बच्चों को जवान होने पे अपने या किसी दूसरे के घर में बिना इजाज़त घुसने की इजाज़त नहीं देता वह इस्लाम बलात्कार को कैसे स्वीकर सकता है?
दूसरी हदीस में है के जब तुम्हारे बच्चे बालिग़ (जवान) हो जाएँ तो उनकी निकाह में जल्दी करो ! इस्लाम की सब से बड़ी क़ैद है के ऐसी औरतें जो किसी की निकाह में है या जो निकाह में नहीं है मतलब कोई भी लड़की जिस की शादी नहीं हुई है,ये सब दूसरे मुसलमान मर्दों के लिए हराम हैं!
कुरान में अल्ला फरमाते है के " जेना (बलात्कार) के पास भी न फटके (ना जाएँ) क्यों के वोह बेहयाई है और बहुत बुरा रास्ता है" दूसरी जगह अल्लाह फरमाता है के " उन औरतों के सिवा जो औरतें हैं, तुम्हारे लिए हलाल किया गया कि तुम अपने मेहर दे कर उन से निकाह के तरीके से रिश्ता क़ायम करो ना के आज़ाद बलात्कार करो!
तिर्मिज़ी की एक हदीस है के "तुम को निकाह करना चाहिए क्यों कि वह आँखों को बद नज़री से रोकने और शर्मगाह की हिफाज़त करने का बेहतरीन तद्बीर (उपाय) है,और जो शख्श तुम में से निकाह करने की हैसियत ना रखता हो वह रोज़ा रखे क्यों के रोज़ा शहवत (सेक्स) को दबाने वाला है"
बेतिया बलात्कार के आरोपी छावनी निवासी सद्दाम हुसैन और फरमान खान दोनों धार्मिक नज़र से मुस्लिम नहीं और धार्मिक इन्साफ की नज़र से भी इस जुर्म में क़तल के सजा की मुस्तहक़ हैं ,दोनों को जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए! वैसे भी ये कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है जिस को लेकर कोई नेतागिरि करे,मामला किसी भी धर्म का हो हमें सच का साथ देना चाहिए!
अगर ऐसे बलात्कारी लोगों के साथ जाती भेद भाव में नेतागिरी हुयी तो यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक आज़ादी होगी,बेतिया में दो बलात्कारी मुस्लिम युवक को अगर सजा मिलती है तो ये पुरे बेतिया के सभी जाती के जीत होगी!आगे से ऐसा काम फिर से नहीं हो पायेगा और देर रात भी किसी अबला नारी के साथ बलात्कार नहीं हो सकेगा! हम सब को मिल के इस बलात्कार के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए के बलात्कार के दोषी को जल्द से जल्द सजा मिले,बेतिया के इस बलात्कार स्वच्छ अभियान में हिस्सा ले कर बेतिया का एक अच्छा नागरिक बने!
Post a Comment