Header Ads

राम मंदिर का निर्माण संभव नहीं

राम मंदिर का निर्माण संभव नहीं
राम मंदिर का निर्माण संभव नहीं
राम मंदिर का निर्माण संभव नहीं: आज से लगभग 26 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने गिरा दिया था. सवाल ये उठता है कि अगर राम जन्म भूमि थी तो उससे फिर क्यों गिराया गया? मंदिर मस्जिद बाद में था ये भारत का धरोहर था, भारत के गोद में एक इतिहासिक ईमारत था जो भारत की सुंदरता का एक पहचान था.कोई बता सकता है कि राम जन्म भूमि/बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए किसी के पास सुप्रीम कोर्ट का आर्डर था?अगर गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आर्डर नहीं था तो बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आर्डर क्यों??

26 साल बाद सियासत ने ऐसी करवट ली कि एक बार फिर बीजेपी यूपी की सत्ता पर पूर्ण बहुमत के साथ विराजमान है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जो हिंदुत्व का चेहरा भी हैं. आज कल केवल शहर का नाम ही बदलने में लगे हुए हैं लेकिन राम मंदिर के नाम पे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं.जनता को केवल मूर्ख बनाया जा रहा है क्यों की अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मंदिर मुद्दा गरमाया हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है, पर हर दल अपने-अपने तर्कों से मुद्दे को हवा देने में लगा है।

राम मंदिर का निर्माण क्यूँ असम्भव है?

अगर राम मंदिर बन गया तो बीजेपी का मुद्दा समाप्त हो जायेगा ये वही राम मंदिर है जिस ने बीजेपी को अन्धकार से निकला है, राममंदिर आंदोलन के कंधे पर सवार हो कर बीजेपी ने सियासत के बुलंदी को छुआ है. आडवाणी सितंबर 1990 में सोमनाथ से रथ लेकर मंदिर के लिए जनजागरण करने निकल पड़े. इससे मंदिर आंदोलन उग्र हुआ और बीजेपी में जान पड़ी. इसकी बुनियाद 1989 के आम-चुनावों में पड़ जाती है, जिसमें 9 साल पुरानी बीजेपी 2 सीटों से बढ़कर 85 पहुंच गई.आप ही बताओ सोने की अंडा देने वाली मुर्गी को कोई काटता है क्या??फिर इस मुद्दे को बीजेपी कैसे समाप्त कर सकती है? 2019 का इलेक्शन ख़त्म होते ही राम मंदिर का मुद्दा भी समाप्त हो जायेगा,ये राम मंदिर नहीं है यह तो वोट मंदिर है, ये राज मंदिर है क्यों की राममंदिर आंदोलन की देन थी कि 1991 में यूपी में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने. 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई. कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और उन्हें इसके लिए एक दिन की सजा भी हुई. इस घटना के बाद यूपी की सत्ता से कल्याण सरकार बर्खास्त हो गई. इसके बाद बीजेपी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता आने में 26 साल लग गए. 

बीजेपी को किसी तरह सत्ता में बने रहना है और सत्ता में बने रहने के लिए राम मंदिर का निर्माण असंभव है,अगर सच में राम मंदिर का निर्माण चाहते हो तो बीजेपी को सत्ता से हटा कर देखो एक साल के भीतर ही राम मंदिर का निर्माण हो जायेगा,क्यों के राम मंदिर के निर्माण के नाम पे बीजेपी 15-20 साल दिल्ली की गद्दी पे तो बैठ ही जायेगी.

राम मंदिर बनाने के लिए किस का इंतज़ार
2014 में बीजेपी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी तो प्रचंड बहुमत के सत्ता पर काबिज हुई. इसके बाद से मोदी सरकार पर लगातार राममंदिर बनाने का दबाव बढ़ने लगा. इसी बीच 2017 में यूपी का विधानसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में 26 साल बाद वापसी की. अब यूपी और केंद्र दोनों जगह बीजेपी की सरकार हैं. ऐसे में सरकार पर राममंदिर बनाने का दबाव भी ज्यादा है. लेकिन राम मंदिर बनाने के नाम पे सुप्रीम कोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है,सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला जल्दी न दे इस के लिए भी अंदर काम चल रहा है, दिल्ली में बीजेपी और UP में बीजेपी फिर किस का इंतज़ार है?जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उलंघन कर के गिरा दिया गया क्या उसी तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उलंघन कर के राम मंदिर नहीं बनाया जा सकता है??

राम मंदिर निर्माण न होने की दो वजह
पहली वजह ये हो सकती है के हिन्दू भारत के मुसलमान से डरते है,लेकिन ये वजेह मुझे सही नहीं लग रहा है बल्कि सही है ही नहीं..आप ने तो सुना ही होगा के "डरने वाली क्या बात है जब साथ में है दिलवर".दिल्ली में बीजेपी की सरकार और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार फिर मुसलमान क्या कर सकता है??वैसे भी अगर मुस्लमान का डर होता तो ये विवादित ढांचा बाबरी मस्जिद गिराया ही नहीं जाता,तो फिर क्या वजह हो सकती है के राम जन्म भूमि मतलब राम मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है??

दूसरी वजह और सब से बड़ी वजह राज गद्दी,जैसा कि पहले बीजेपी देख चुकी है कि किस तरह राज गद्दी के लाले पड़ गए थे फिर वही हाल हो जायेगा,या फिर बीजेपी को सत्ता में बने रहने का मुद्दा ही ख़त्म हो जायेगा,ये बात बिलकुल सही है के राज नेता को तुम्हारे मंदिर मस्जिद से कोई मतलब नहीं होता उसे तो बस गद्दी चाहिए होती है.भारत के मुर्ख जनता भी क्या करे...ये बहुत ही भोली जनता है,

बीजेपी बहुत लगन से इस काम में लगी है के सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल में ये खबर फैलाई जाये के बीजेपी सुप्रीमकोर्ट में अयोध्या मामले की हर रोज सुनवाई कराने के पक्ष में है, ताकि इस मामले पर जल्द फैसला आ सके. बीजेपी के नेता भी लगातार कह रहे हैं कि 2019 से पहले अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होगा.राममंदिर के समर्थक जनता और संगठन भी लगातार बीजेपी सरकार पर दबाव बना रहे हैं, कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण किया जाए. सरकार मामले को सुप्रीमकोर्ट में बताकर बचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन जनता बीजेपी को अब कोई और मौका नहीं देना चाहती हैं.
सन्देश
हिन्दू और मुस्लमान दोनों सुन लो तुम्हारी माँ विधवा होती है,तुम्हारी बीवी विधवा होती है, तुम यतीम होते हो,तुम्हारे बच्चे यतीम होते हैं,तुम्हारे बाद तुम्हारी बहन और बेटी भीख माँग कर अपना पेट भरती है, हर कोई बुरी नज़र से देखता है और ऐसे लावारिश को हर कोई नोच खाना चाहता है,तुम तो नर्क में जाते ही हो अपने बीवी बच्चों की ज़िन्दगी जीते जी नर्क बनाजाते हो.तुम्हारा भगवान तुम्हारा अल्लाह तुम्हारे ऐसे मंदिर मस्जिद से खुश नहीं होगा तुम्हारे अच्छे कर्मों से खुश होगा,बाक़ी सोंचना तुम्हारा काम है,,

No comments

Powered by Blogger.